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प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान) हेल्थकेयर स्कीम

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना: पीएम मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर स्कीम ‘आयुष्मान भारत योजना 2018’ का लोकार्पण रांची में रविवार को कर दिया है। जिसके जरिए 50 करोड़ भारतीयों को लाभ मिलने का हवाला एनडीए सरकार द्वारा दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना, देश के 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 445 जिलों के लोगों को लाभान्वित करेगी। फिलहाल अभी इस योजना को दिल्ली, केरल, ओडिशा, पंजाब और तेलंगाना में लागू नहीं किया जा रहा है।

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प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से जुड़ी खास बातें

  1. आयुष्मान भारत योजना का लक्ष्य खासकर निम्न और निम्न मध्यम वर्ग के परिवारों को महंगे मेडिकल बिल से निजात दिलाने के लिए लाया गया है।
  2. प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के दायरे में गरीब, वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी श्रमिकों की पेशेवर श्रेणियों को रखा गया है।
  3. आयुष्मान योजना में गांवों के 8.03 करोड़ और शहरों के 2.33 करोड़ परिवारों को शामिल किया गया है।
  4. सरकार की इस हेल्थकेयर योजना के जरिए प्रत्येक परिवार को सालाना 5 लाख रुपये की कवरेज दी जाएगी और वे सरकारी या निजी अस्पताल में कैशलेस इलाज करा सकेंगे।
  5. देश के करीब 10 हजार अस्पतालों में 2.5 लाख से ज्यादा बेड गरीबों के लिए रिजर्व रखे जाएंगे।

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 2018 में कुल खर्च

पीएम मोदी के इस महत्वाकांक्षी योजना में 12000 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है। योजना में आने वाले सभी खर्च का वहन केंद्र और राज्य की सरकार को मिलकर करना है। केंद्र सरकार आयुष्मान भारत योजना में जहां कुल खर्च का 60 फीसदी खर्च करेगी, वहीं राज्य की सरकार 40 फीसदी भार वहन करेगी। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि पीएम आयुष्मान स्वास्थ्य योजना से मौजूदा वित्त वर्ष में 3500 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा।

कोई शिकायत हो तो आयुष्मान मित्र से करें संपर्क

वेबसाइट पर आपका नाम नहीं है तो नजदीकी सरकारी या योजना में शामिल निजी अस्पताल से संपर्क कर सकते हैं। यहां आपकी मदद के लिए सरकार ने आयुष्मान मित्र/आरोग्य मित्र तैनात किये हैं। उनसे योजना से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी ली जा सकती है।

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का अस्पताल में ऐसे ले सकते हैं लाभ

अगर आप योजना में शामिल हैं और इसका लाभ लेना चाहते हैं यह बहुत आसान है। आपको योजना में शामिल अस्पताल के आयुष्मान मित्र या आयुष्मान मित्र हेल्प डेस्क से संपर्क करना होगा। वहां आपको पहचान पत्र जैसे दस्तावेज दिखाने होंगे। इसके लिए आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र या राशन कार्ड की जरूरत पड़ेगी। ध्यान रहे आधार कार्ड की कोई अनिवार्यता नहीं है। इलाज के लिए आपको एक पैसे भी नहीं देना होगा।

इन 5 राज्यों ने मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना को लागू करने से किया इनकार

पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत को 5 राज्यों ने अस्वीकार कर दिया है। जिन 5 राज्यों ने आयुष्मान भारत को अस्वीकार किया है वे हैं ओडिशा, तेलंगाना, दिल्ली, केरल और पंजाब। इन राज्यों ने योजना को अस्वीकार करने के पीछे उन्होंने अलग-अलग कारण दिए हैं। किसी का कहना है कि उसके पास आयुष्मान भारत से बेहतर स्वास्थ्य योजना है। वहीं, किसी ने केंद्र की योजना से असहमति जताते हुए उसे अस्वीकार कर दिया है। इन 5 राज्यों का कहना है कि जब तक इस योजना के संबंध में उनकी चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया जाता, तब तक वे इसे लागू नहीं करेंगे।

आखिर आयुष्मान भारत योजना के लागू होते ही क्यों होने लगी आलोचना?

केरल ने आयुष्मान भारत योजना की आलोचना की है। इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में केरल के गृह मंत्री थॉमस इसाक ने योजना के औचित्य पर सवाल उठाते हुए इसे बड़ी धोखेबाजी है। इसाक ने कहा कि मोदी सरकार कैसे इतने बड़े स्तर की योजना को लागू करेगी। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 30,000 रुपये मिलते हैं जिसके लिए सालाना 1,250 रुपये देने होते हैं। आयुष्मान भारत में 1,110 रुपये के सालाना प्रीमियम में 5 लाख रुपये का हेल्थ कवर मिलेगा। क्या इतने कम प्रीमियम पर यह लाभ देना संभव है?’उधर, तेलंगाना ने अपनी आरोग्यश्री योजना की वजह से केंद्र की योजना को खारिज कर दिया है।

आरोग्यश्री योजना के तहत तेलंगाना के 70 प्रतिशत नागरिकों को हेल्थ कवर मिलता है, जबकि आयुष्मान भारत से केवल राज्य 80 लाख लोग लाभान्वित होते। तेलंगाना सरकार को यह भी लगता है कि आयुष्मान भारत योजना के कवर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर है जिससे आम चुनाव के समय भाजपा को ज्यादा लोकप्रियता मिलेगी। वहीं, दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना से असहमति जताने की वजह ये है कि पीएम आरोग्य योजना से दिल्ली के 6 लाख परिवारों को फायदा मिलता जो यहां की जनसंख्या का मात्र 3 प्रतिशत है।

आयुष्मान भारत योजना की 5 बड़ी चुनौतियां

  1. योजना पर खर्च बड़ी चुनौती- आयुष्मान भारत योजना को राज्यों को साथ लिए बिना लागू नहीं की जा सकती। योजना पर होने वाले खर्च में राज्य भी भागीदार हैं। आयुष्मान में होने वाले खर्च का 60 फीसदी हिस्सा केंद्र उठाएगी, जबकि 40 फीसदी हिस्सेदारी राज्यों की होगी. जबकि, उत्तर पूर्वी और पहाड़ी राज्यों मसलन, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड जैसे राज्यों में केंद्र की हिस्सेदारी 90 फीसदी की होगी.
  2. खर्च को कंट्रोल करना बड़ा चैलेंज – लाभार्थी, बीमा कंपनी, निजी अस्पताल, डॉक्टर्स आदि 50 करोड़ लोगों को बीमा मुहैया कराने के लिए सरकार के सामने बड़ी चुनौती लागत को कम रखने की होगी।
  3. निजी अस्पताल अभी भी सहमत नहीं- आयुष्मान भारत की राह में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि निजी अस्पताल सरकार की ओर से विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए तय की गई दरों पर सहमत नहीं हैं।
  4. सही लाभार्थियों की पहचान बड़ी चुनौती- एक ही नाम के कई लाभार्थी, नाम की स्पेलिंग में अंतर, ऐसी कई चीजें हैं, जो सही व्यक्ति की पहचान में दिक्कत पैदा करती हैं।
  5. हेल्थ ऐंड वेलनेस सेंटर के भरोसे है आषुष्मान भारत योजना- नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम की सफलता हेल्थ ऐंड वेलनेस सेंटर पर टिकी है और अभी आजादी के 7 दशक बाद भी वेलनेस सेंटर की स्थिति किसी से छिपी नहीं है।

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) में आप शामिल हैं कि नहीं, ऐसे करें चेक

योजना में आप शामिल (आयुष्मान भारत योजना रजिस्ट्रेशन) हैं या नहीं, यह पता करना बहुत आसान है। नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके आप अपनी आयुष्मान योजना में पात्रता जान सकेंगे।

  1. सबसे पहले आयुष्मान भारत की ऑफिशियल वेबसाइट mera.pmjay.gov.in खोलें।
  2. होमपेज पर आपको अपना मोबाइल नंबर डालना होगा।
  3. अब आपके नंबर पर एक ओटीपी आएगा।
  4. इस वन टाइम पासवर्ड को वेबसाइट पर डालकर वेरीफाई करने के बाद एक पेज खुलेगा।
  5. जहां आप देख सकते हैं कि आप योजना में शामिल हैं या नहीं।
  6. आयुष्मान भारत योजना में शामिल करीब 10 हजार अस्पतालों में 13 सौ से ज्यादा बीमारियों और इससे संबंधित पैकेज को इलाज में शामिल किया गया है।
  7. पात्र व्यक्ति पीएम आयुष्मान भारत योजना से कैंसर की सर्जरी, हार्ट की बाइपास सर्जरी, आंख-दांत का ऑपरेशन, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी तमाम बीमारियों का निशुल्क इलाज करवा सकेंगा।
  8. अगर आयुष्मान भारत योजना से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी चाहिए तो सरकार द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल करें।

क्या आर्थिक रूप से व्यावहारिक है आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना

सरकार अस्पताल को सीजीएचएस से तय किए हुए रेट से 15 फीसदी कम रेट देगी। सीजीएचएस में प्राइवेट वार्ड का प्रावधान है और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में जनरल वार्ड का। हां, जो अस्पताल एनएबीएचएल से मान्यता प्राप्त होंगे, उन्हें 10 फीसदी ज्यादा राशि दी जाएगी। दरअसल एनएबीएचएल से मान्यता प्राप्त लैब रिपोर्ट की मान्यता दुनियाभर में हैं और इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता देश ही नहीं विदेशों में भी है। इतना ही नहीं सरकार रिपोर्ट एरियाज में अस्पताल खोलने को बढ़ावा देने के लिए तय राशि से 10 फीसदी ज्यादा देगी।

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आयुष्मान योजना (पीएम हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम) में तकरीबन 10 करोड़ परिवारों का 5 लाख रुपये सालाना का स्वास्थ्य बीमा कराया जायेगा। साथ ही इस योजना से 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इस योजना के तहत सरकार जन-धन योजना की तरह ही आयुष्मान मित्र बनाएगी। स्वास्थ्य मित्र ठीक उसी तरह होंगे जैसे जनधन योजना में बैंक मित्र लोगों का खाता खुलवाने के साथ-साथ बैंकिंग ट्रांजैक्शन कराते हैं।


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